आनंद मोहन सिंह का जीवन परिचय | Anand Mohan Singh Biography in Hindi

कौन है आनंद मोहन सिंह जिसके उपर बवाल मचा है, आनंद मोहन सिंह का जीवन परिचय हिंदी में, Anand Mohan Singh Biography in Hindi, उनसे जुड़ी लेटेस्ट न्यूज़, उनके बेटे का नाम, उनकी परिवार, कुछ विवाद, उनकी उम्र कितनी है, जेल क्यों गए थे, इत्यादि ये सभी सवालों का जानकारी इस लेख मे आपको बताया जाएगा। 


बिहार में गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन सिंह जेल से बाहर आने पर सियासत लड़ाई शुरू हो गया है। बता दे की आनन्द मोहन सिंह 29 साल पहले 5 दिसंबर 1994 को गोपालगंज डीएम जी कृष्णैया की हत्या के आरोप में पटना हाई कोर्ट ने फासी की सजा सुनाया था लेकिन एक साल के अंदर फासी की सजा उम्रकैद में बदल गई। लेकिन कुछ खबर के हिसाब से 27 अप्रैल तक आनंद मोहन जेल से पूरी तरह से बाहर आजाएगा। विरोधी पार्टियों का कहना है की नीतीश कुमार सरकार ने आनन्द मोहन का बाहर आने का रास्ता साफ कर दिया है। इसी बात को लेकर नीतीश कुमार पर फिर भड़कीं मायावती, आगे आपको बताते हैं कि क्या कही मायावती। तब तक हमलोग आनन्द मोहन सिंह का जीवन परिचय जान लेते है। 

Anand mohan singh biography in hindi

आनन्द मोहन सिंह का जीवन परिचय Anand Mohan Singh Biography In Hindi

पुरा नाम 

आनंद मोहन सिंह 

जन्म तिथि 

28 जनवरी 1954

उम्र 

69 साल

निवास स्थान 

पचगछिया गांव, सहरसा जिले (बिहार)

पेशा 

राजनेता, कवि, लेखक

उप नाम 

आनंद मोहन 

राष्ट्रीयता

भारतीय

बाबा / दादा 

स्वतंत्रता सेनानी राम बहादूर सिंग

माता का नाम 

ज्ञात नहीं 

पिता का नाम 

ज्ञात नहीं 

बच्चे का नाम 

3 (चेतन आनंद, सूरभि आनंद, अंशूमान आनंद)

पत्नी का नाम 

लवली आनंद

संसदीय चुनाव क्षेत्र

शिवहर

किताबे लिखी 

स्वाधीन अभिव्यक्ति(2014) , क़ैद में आज़ाद कलाम(2011)

शौक्षिक योग्यता

1974 में कॉलेज छोड़ दी 

कॉलेज 

ज्ञात नहीं 

आनंद मोहन सिंह का जन्म 20 जनवरी 1954 को बिहार के सहरसा जिेले के पचगछिया गाँव मे हुआ था। वह एक राकनेता, कवि, लेखक, और एक गैंगस्टर भी है। मोहक के बाबा एक भारतीय स्वतंत्रता थे जिनका नाम राम बहादूर सिंह है। आनंद की एक अपनी पार्टी थी जिसका नाम बिहार पीपुल्स पार्टी (बीपीपी) थी मोहन सिंह इस पार्टी के संस्थापक थे लेकिन यह पार्टी समाप्त हो चुकी है। 5 दिसंबर 1994 को गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया को मरवाने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट ली। लेकिन हाल में ही अप्रैल 2023 में बिहार सरकार ने आनन्द की जल्द रिहाई के लिए जेल नियमों में संशोधन किया। जिसके कारण विरोधी पार्टी नीतीश कुमार पर भड़कीं है। 




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